news
कुछ मजेदार विरोधाभास – Some Interesting Paradox

पैराडॉक्स यानि की विरोधभास । पैराडॉक्स कुछ ऐसे वाक्य होते है जो की सत्य और असत्य से परे होते है, इनका कोई हल नहीं होता है और आप चाहे तो इस पर जीवन भर भी बहस कर सकते है ।आज हम आपको कुछ मजेदार तर्कसंगत पैराडॉक्स के बारे में बताने जा रहे है, अगर आपको अच्छा लगे तो लाईक करना न भूले….
कुछ मजेदार विरोधाभास :-
इन प्रश्नो का उत्तर दे और अपने दिमाग को जाँचिये ये कितना तेज़ है
1. एक आदमी एक पुल पर आता है, उस पुल पर एक चोकीदार रहता है, जो की असल में एक योद्धा भी था, उसने उस आदमी से कहा की अगर तुम्हे ये पुल पार करना है तो तुम्हे एक वाक्य बोलना होगा, अगर वो वाक्य मुझे सही लगता है तो मैं तुम्हारा दिल निकाल लूँगा और अगर वो गलत लगता है तो मैं तुम्हारा सर कुचल दूंगा।
अब आप बताये की उस आदमी को क्या बोलना चाहिए ????
उत्तर :- उस आदमी ने कहा की आप मेरा सर कुचल देंगे । ये सुनकर वो चोकीदार अनंत लूप में चला गया, अगर ये वाक्य अब उसे सही लगता है तो वो उसका दिल निकाल लेगा , लेकिन अगर वो उसका दिल निकलेगा इसका मतलब की उस आदमी ने गलत कहा , और उसे उसका सा कुचलना चाहिए ।
और अगर वो वाक्य अगर उसे गलत लगा तो उसे उस आदमी का सर कुचलना चाहिए , लेकिन अगर सर कुचलेगा तो उस आदमी का कहा सत्य हो जायेगा और वो चोकीदार फिर से गलत हो जायेगा। ये एक अनंत लूप है।
2. सबसे ताकतवर कौन ?
हम सब जानते है की इस दुनिया में भगवान् सबसे ज्यादा ताकतवर है । इसलिए भगवान् कुछ भी कर सकते है। अगर कोई भगवान् से जाकर कहे की आप एक ऐसा पत्थर बनाये जिसे कोई नहीं उठा सके, क्योंकि भगवान् सबसे ज्यादा ताकतवर है और वो कुछ भी कर सकते है तो भगवान् ने एक ऐसा पत्थर बना दिया जिसे कोई नहीं उठा सकता, तो क्या स्वयं भगवान् उसे उठा सकते है ?
अगर भगवान् ने उस पत्थर को उठा लिया तो इसका मतलब होगा की वो ऐसा पत्थर नहीं बना सकते है और अगर भगवान भी उसे नहीं उठा पाए तो इसका मतलब होगा की भगवान सबसे ताकतवर नहीं है ।।।खुद सोचिये ।।।।
3. Court Paradox
एक बार एक नगर में एक छात्र वकालत करने के लिए गया , लेकिन उसके पास पैसे नहीं होने के कारण वो वकालत नहीं कर पाया, तब वो एक वकील के पास गया और कहा आप मुझे वकालत सिखा दीजिये, जब मैं अपना पहला केस जीतूँगा तब मैं आपको अपना फीस दे दूंगा, वो वकील मान गया और उसे वकालत सिखा दिया । पर कुछ दिनों में उस वकील को ये एहसास हुआ की वो किसी केस लड़ने को इक्षुक ही नहीं है, न ही वो केस लड़ता है और न ही उसे उसका फीस देता है, इससे झुंझला कर वकील ने एक दिन अपने ही छात्र पर केस कर दिया।
उस वकील ने अदालत में एक दलील दिया की अगर मैं ये केस जीत जाता हूँ तो अदालत के नियम के अनुसार उस छात्र को मुझे फीस देने होंगे और अगर मैं ये केस हार जाता हूँ तो इसका मतलब होगा की वो छात्र केस जीत गया है और इसलिए उसे मुझे पैसे देने होंगे दोनों ही सूरत में पैसे मुझे मिलने ही है, ये दलील उस वकील ने अदालत में रखी ।
इस पर वो छात्र बोला :- अगर मैं ये केस जीत जाता हूँ तो मुझे इनको कोई पैसे नहीं देने होंगे कनकी मैं केस जीत चूका हूँ, और अगर मैं ये केस हार जाता हूँ तो व मुझे कोई पैसे नहीं देने होंगे क्योंकि पैसे देने की बात पहली केस जितने पर हुई थी ।।।।
अब आप बताये की वो छात्र उसे पैसे देगा या नहीं या फिर उस वकील को पैसे मिलेंगे ये नहीं ।
ये बहुत ही फेमस पैराडॉक्स यानि की विरोधाभास है जिसपर लोग अभी भी बहस करते है ।